Har Taraf Har Jagah Besumar Aadmi (From "Shukrana - The Best of Jagjit Singh Ever, Vol. 6")

हर तरफ़, हर जगह बेशुमार आदमी
हर तरफ़, हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी
हर तरफ़, हर जगह बेशुमार आदमी

सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ
सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ

अपनी ही लाश का ख़ुद मज़ार आदमी
अपनी ही लाश का ख़ुद मज़ार आदमी
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी
हर तरफ़, हर जगह बेशुमार आदमी

हर तरफ़ भागते-दौड़ते रास्ते
हर तरफ़ भागते-दौड़ते रास्ते

हर तरफ़ आदमी का शिकार आदमी
हर तरफ़ आदमी का शिकार आदमी
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी
हर तरफ़, हर जगह बेशुमार आदमी

रोज़ जीता हुआ, रोज़ मरता हुआ
रोज़ जीता हुआ, रोज़ मरता हुआ

हर नए दिन नया इंतज़ार आदमी
हर नए दिन नया इंतज़ार आदमी
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी
हर तरफ़, हर जगह बेशुमार आदमी

ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र-दर-सफ़र
ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र-दर-सफ़र

आख़िरी साँस तक बेक़रार आदमी
आख़िरी साँस तक बेक़रार आदमी
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी
हर तरफ़, हर जगह बेशुमार आदमी
हर तरफ़, हर जगह बेशुमार आदमी



Credits
Writer(s): Nida Fazli, Jagjit Singh
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