Saawan Bairi

भीगा-भीगा सा मन है
भीगा-भीगा सा है समा
भीगी-भीगी सी आग है
भीगा-भीगा सा है धुआँ

हो ना सुबह और बेवजह, ना जाए, जाए ना ये घड़ी

सावन बैरी, सावन बैरी
आग लगाए सावन बैरी
सावन बैरी, सावन बैरी
बरसे जाए सावन बैरी

पलकों तले सपने पले, बात मुझसे करे ये बेख़ुदी

सावन बैरी, सावन बैरी
आग लगाए सावन बैरी
सावन बैरी, सावन बैरी
बरसे जाए सावन बैरी

बाहों में, तेरी बाहों में
खो जाऊँ, छुप जाऊँ
छू लूँ जो, तुझे छू लूँ तो
ख़ुद को ही चुभ जाऊँ

अब दूरी, ना नाराज़ी हो
रात की बात है, बात कोई ना आधी हो

आधी तेरी, आधी मेरी, रात ये बाँट लें चल अभी

सावन बैरी, सावन बैरी
छलके जाए सावन बैरी
सावन बैरी, सावन बैरी
आग लगाए सावन बैरी

दो पल को बस दो पल को
पलकों पे ख़्वाब रह लें
दो पल भी बस दो पल भी
तू है मेरी, आज कह दे

दो पल की ये कहानी है
दो ही लफ़्ज़ हैं, प्यास है और पानी है

बुझती नहीं ये आग है, मेरी तो रूह भी जल गयी

सावन बैरी, सावन बैरी
खूब सताए सावन बैरी
सावन बैरी, सावन बैरी
आग लगाए सावन बैरी (बाख़ुदा रे)



Credits
Writer(s): Mayur Puri
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