Aisa Kyun Hota Hai

मेरे दिल को ये क्या हो गया?
मैं ना जानूँ कहाँ खो गया?
क्यूँ लगे दिन में भी रात है?
धूप में जैसे बरसात है
ऐसा क्यूँ होता है बार-बार?
क्या इसको ही कहते हैं प्यार?

मेरे दिल को ये क्या हो गया?
मैं ना जानूँ कहाँ खो गया?
क्यूँ लगे दिन में भी रात है?
धूप में जैसे बरसात है
ऐसा क्यूँ होता है बार-बार?
क्या इसको ही कहते हैं प्यार?

आ... आ-आ-आ आ...
हो, सपने नए, सजने लगे
दुनिया नई, लगने लगी
पहले कभी, ऐसा ना हुआ
क्या प्यास ये जगने लगी?

मदहोशेयों का है समा
हो झुकने लगा आसमां
खामोशी बनी है ज़ुबां
छेड़े है कोई दास्तां
धड़कन पे भी छाया है ख़ुमार
ऐसा क्यूँ होता है बार-बार?

हाँ, आईने में जो
देखा मैंने तो
आई शरम, आँखें झुकी
धक से मेरा, धड़का जिया
इक पल को ये साँसें रूकी

अब चूँड़ी सताने लगी
रातों को जगाने लगी
मैं यूँ ही मचलने लगी
कुछ-कुछ बदलने लगी
जाने रहती क्यूँ बेकरार?
क्या इसको ही कहते हैं प्यार?
ऐसा क्यूँ होता है बार-बार?
क्या इसको ही कहते हैं प्यार?



Credits
Writer(s): Anu Malik, Sameer Anjaan
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