Saathi Mere Sun Toh Zara

साथी मेरे, सुन तो ज़रा
हाँ, मैं सुन रही हूँ, बोलो
तुम चुप क्यूँ हो गए? बोलो, बोलो ना

साथी मेरे, सुन तो ज़रा, लेंगे हज़ारों जनम
होंगे जुदा ना हम, तेरी क़सम
हाँ, होंगे जुदा ना हम, तेरी क़सम

साथी मेरे, सुन तो ज़रा
साथी मेरे, सुन तो ज़रा, लेंगे हज़ारों जनम
होंगे जुदा ना हम, तेरी क़सम
हाँ, होंगे जुदा ना हम, तेरी क़सम

तूने मुझे देखा सजन, मेरा यौवन खिल गया
Hmm, मुझे जीवन मिल गया
Hmm-hmm, टूटेगी ना जान-ए-चमन अब डोरी प्रीत की
तेरे-मेरे गीत की

अब तो जिया बस में नहीं
क़समें नहीं, रस्में नहीं
खुशियाँ लेके फिर आया मौसम

साथी मेरे, सुन तो ज़रा
साथी मेरे, सुन तो ज़रा, लेंगे हज़ारों जनम
होंगे जुदा ना हम, तेरी क़सम
हाँ, होंगे जुदा ना हम, तेरी क़सम

(झिन झना झिन, झिन झना झिन)
(झिन-झिन-झिन-झिन)
(झिन झना झिन, झिन झना झिन)
(झिन-झिन-झिन-झिन)

(झिन झना झिन, झिन झना झिन)
(झिन-झिन-झिन-झिन)
(झिन झना झिन, झिन झना झिन)
(झिन-झिन-झिन-झिन)

(झिन झना झिन, झिन झना झिन)
(झिन-झिन-झिन-झिन)
(झिन झना झिन, झिन झना झिन)
(झिन-झिन-झिन-झिन)

ऐसा हुआ अपना मिलन, जैसे धरती से गगन
जैसे चंदा से किरण
ऐसे मिले हम दो बदन, जैसे सावन से घटा
जैसे खुश्बू से हवा

सपने नए सजने लगे
नग़में नए बजने लगे
अब आओ छेड़ें मिल के सरगम

साथी मेरे, सुन तो ज़रा
साथी मेरे, सुन तो ज़रा, लेंगे हज़ारों जनम
होंगे जुदा ना हम, तेरी क़सम
होंगे जुदा ना हम, तेरी क़सम



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Anand Chitragupta Shrivastava, Milind Chitragupta Shrivastava
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