Tujhko Main Yeh Dile Barbad

दर्द देकर इसे
क्यों दर्द का एहसास दिया है, भगवन?
तू है पत्थर का तो
इस दिल को भी पत्थर का बनाया होता

तुझको मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद, कहाँ ले जाऊँ?
तुझको मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद, कहाँ ले जाऊँ?
उनका ग़म साथ ना छोड़ेगा, जहाँ ले जाऊँ
तुझको मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद, कहाँ ले जाऊँ?
उनका ग़म साथ ना छोड़ेगा, जहाँ ले जाऊँ
तुझको मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद...

आसमाँ कोई नहीं टूटे सितारों के लिए
आसमाँ कोई नहीं टूटे सितारों के लिए
कोई महफ़िल ही नहीं दर्द के मारों के लिए

किसकी महफ़िल में तुझे, ऐ मेरी जाँ, ले जाऊँ?
तुझको मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद, कहाँ ले जाऊँ?
उनका ग़म साथ ना छोड़ेगा, जहाँ ले जाऊँ
तुझको मैं, ऐ दिल-ए-बर्बाद...

ऐ दिल-ए-बर्बाद, ऐ दिल-ए-बर्बाद



Credits
Writer(s): Laxmikant-pyarelal, S.h. Bihari
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