Hum Na Samjhe The

हम न समझे थे बात इतनी सी
ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी
ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी

आरज़ू हमने की तो हम पाए
आरज़ू हमने की तोह हम पाये
रोशनी साथ लाई थी साये
साये गहरे थे रौशनी हलकी

हम न समझे थे बात इतनी सी
ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी

सिर्फ वीरानी सिर्फ तनहाई
सिर्फ वीरानी सिर्फ तनहाई
जिंदगी हमको ये कहा लायी
खो गयी हमसे राह मंजिल की
हम न समझे थे बात इतनी सी
ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी

क्या कोई बेचे, क्या कोई बाँटे
क्या कोई बेचे, क्या कोई बाँटे
अपने दामन में सिर्फ़ हैं काँटे
और दुकानें हैं सिर्फ़ फूलों की

हम न समझे थे बात इतनी सी
ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी
ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की
हम न समझे थे बात इतनी सी



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Rahul Dev Burman
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