Yun Zindagi Ki

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए
इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए
क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए
इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए
क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए

ऐसा नहीं कि हमको कोई भी खुशी नहीं
लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं
ऐसा नहीं कि हमको कोई भी खुशी नहीं
लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं
क्यों इसके फ़ैसले हमें मंज़ूर हो गए
इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए
क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए

पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया
हम दिल पे रोए और ये दिल हमपे रो दिया
पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया
हम दिल पे रोए और ये दिल हमपे रो दिया
पलकों से ख़्वाब क्यों गिरे, क्यों चूर हो गए
इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए
क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए
इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए
यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Kuldeep Singh
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