Dil Jawan Hain Arzoo Jawan

दिल जवाँ है आरज़ू जवाँ
एक नज़र इधर भी, मेहरबाँ
कब तलक ये हमसे बेरुख़ी?
कब तलक रहेगी चुप ज़ुबाँ?

दिल जवाँ है आरज़ू जवाँ
एक नज़र इधर भी, मेहरबाँ
कब तलक ये हमसे बेरुख़ी?
कब तलक रहेगी चुप ज़ुबाँ?

ये क्या ग़ज़ब है, दिलरुबा? है अपने आप से ख़फ़ा
धरी रहेगी हर अदा, जो दिल किसी पे आ गया

ग़ुरूर-ए-दिल रहेगा फिर कहाँ?
एक नज़र इधर भी, मेहरबाँ
कब तलक ये हमसे बेरुख़ी?
कब तलक रहेगी चुप ज़ुबाँ?

वो हुस्न क्या जो रूठ के निगाह को ना फेर ले
वो इश्क़ क्या जो छेड़ के ना ज़ुल्फ़ को बखेर दे

वो सोज़ क्या उठे ना जो धुआँ
एक नज़र इधर भी, मेहरबाँ
कब तलक ये हमसे बेरुख़ी?
कब तलक रहेगी चुप ज़ुबाँ?

मैं जानता हूँ, ऐ फ़रेबी, झुकी-झुकी नज़र तेरी
उठी तो हार जाएगी, ज़रूर मुस्कुराएगी

ना छुप सकेगी दिल की दास्ताँ
एक नज़र इधर भी, मेहरबाँ



Credits
Writer(s): Jaidev, Vishwamitra Adil
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