Khat Likhna Hai Par Sochti Hoon

ख़त लिखना है, पर सोचती हूँ
ख़त लिखना है, पर सोचती हूँ, ये कैसे लिखूँ?
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है

मेरी मानो, इतना लिख दो...
मेरी मानो, इतना लिख दो इन आँखों पर
ख़ाबों की इनायत हो गई है
ख़ाबों की इनायत हो गई है

काग़ज़-कलम जैसे ही उठाऊँ
दिल है कि धड़के जाए, हाँ, दिल है कि धड़के जाए
जो भी लिखो तुम, दिल की बातें
अब ना छुपेंगी छुपाएँ, हाँ, अब ना छुपेंगी छुपाएँ

मैं अच्छी हूँ, ये तो लिख दूँ...
मैं अच्छी हूँ, ये तो लिख दूँ, ये कैसे लिखूँ?
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है

ये सोचा है इतना लिख दूँ, कुछ दिन से मुझे क्या जाने क्यूँ
ये दुनिया हसीं लगती है, ये दुनिया हसीं लगती है
ये भी लिखना अब सारे दिन, है साथ कोई कि जिसके बिन
तबियत ही नहीं लगती है, तबियत ही नहीं लगती है

बताओ, बताओ
किन लफ़्ज़ों में मैं ये लिखूँ? मुझको तुम समझाओ
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है

मैं कुछ लिखूँ, वो कुछ समझे
ऐसा नहीं हो जाए, हाँ, ऐसा नहीं हो जाए
ऐसा है तो साफ़ लिखो तुम
अपनी तो है ये राय, हाँ, अपनी तो है ये राय

हाँ, सच तो है, क्यूँ शरमाऊँ?
हाँ, सच तो है, क्यूँ शरमाऊँ? क्यूँ ये ना लिखूँ
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है?

तो लिख दो मोहब्बत हो गई है
लिख दूँगी मोहब्बत हो गई है
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Rajesh Roshan
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