Mohabbat Ka Naghma Zuban Par

मोहब्बत का नग़्मा ज़ुबाँ पर ना आता
मोहब्बत का नग़्मा ज़ुबाँ पर ना आता
अगर तुम ना मिलते, अगर तुम ना मिलते

मुक़द्दर ना जाने कहाँ लेके जाता
मुक़द्दर ना जाने कहाँ लेके जाता
अगर तुम ना मिलते, अगर तुम ना मिलते
मोहब्बत का नग़्मा ज़ुबाँ पर ना आता

मेरा जज़्ब-ए-दिल मेरे काम आया
मुझे ये ख़ुशी है तुम्हें मैंने पाया
मेरी ज़िंदगी थी एक आवारा बादल
जिसे तुमने जान-ए-बहारा बनाया
जिसे तुमने जान-ए-बहारा बनाया

उम्मीदों का गुलशन ना यूँ मुस्कुराता
उम्मीदों का गुलशन ना यूँ मुस्कुराता
अगर तुम ना मिलते, अगर तुम ना मिलते

मुक़द्दर ना जाने कहाँ लेके जाता
मुक़द्दर ना जाने कहाँ लेके जाता
अगर तुम ना मिलते, अगर तुम ना मिलते
मोहब्बत का नग़्मा ज़ुबाँ पर ना आता

तुम्हीं से ये दिल की ख़ुशी मैंने पाई
मोहब्बत भी मुझको तुम्हीं ने सिखाई
जहाँ ज़िंदगी की मिली मुझको राहें
तुम्हारी तमन्ना वहाँ लेके आई
तुम्हारी तमन्ना वहाँ लेके आई

मुझे कौन मंज़िल का रस्ता दिखाता?
मुझे कौन मंज़िल का रस्ता दिखाता?
अगर तुम ना मिलते, अगर तुम ना मिलते
मुक़द्दर ना जाने कहाँ लेके जाता

मुक़द्दर ना जाने कहाँ लेके जाता
अगर तुम ना मिलते, अगर तुम ना मिलते
मोहब्बत का नग़्मा ज़ुबाँ पर ना आता
अगर तुम ना मिलते, अगर तुम ना मिलते
मोहब्बत का नग़्मा ज़ुबाँ पर ना आता



Credits
Writer(s): Ravi, Shakeel Badayuni
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link