Itni Jaldi Na Karo

इतनी जल्दी ना करो, रात का दिल टूटेगा
आप जाएँगे तो जज़्बात का दिल टूटेगा
इतनी जल्दी ना करो...
दिल टूटेगा

सारी रात ना जागे तो जवानी क्या?
सुबह तक ना चले तो कहानी क्या?

ज़ुल्फ़ जो हमने बनाई थी, वो बिखरी भी नहीं
रंग पे आके ये महफ़िल अभी निखरी भी नहीं
ज़ुल्फ़ जो हमने बनाई थी, वो बिखरी भी नहीं
रंग पे आके ये महफ़िल अभी निखरी भी नहीं

शम्मा का, साज़ का, नग़मा का दिल टूटेगा
हाए, इतनी जल्दी ना करो...
दिल टूटेगा

गर्म साँसों से ज़रा जिस्म पिघलने दीजिए
चाहने वालों के अरमान कहलने दीजिए

कम से कम प्यार का इल्ज़ाम तो लेते जाए
आज की रात का इनाम तो लेते जाए
कम से कम प्यार का इल्ज़ाम तो लेते जाए
आज की रात का इनाम तो लेते जाए

चल दिए आप तो हर बाँका दिल टूटेगा
हाए, इतनी जल्दी ना करो, रात का दिल टूटेगा
आप जाएँगे तो जज़्बात का दिल टूटेगा
इतनी जल्दी ना करो...



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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