Barkha Ka Mausam

बरखा का मौसम जी को जला के चला जाए
बरखा का मौसम जी को जला के चला जाए
हाए, रे, ये पानी अगन लगा के चला जाए
जी को जला के चला जाए
बरखा का मौसम जी को जला के चला जाए

भला नहीं लागे मोहे पिया बिन रहना
मन की ये बातें मन ही से कहना
भला नहीं लागे मोहे पिया बिन रहना
मन की ये बातें मन ही से कहना

पागल पपीहा कुछ समझे ना
पिया, पिया गा के चला जाए

जी को जला के चला जाए
बरखा का मौसम जी को जला के चला जाए

कभी-कभी खोया हुआ मिल भी जाए
जाए जो समय फिर मुड़ के ना आए
कभी-कभी खोया हुआ मिल भी जाए
जाए जो समय फिर मुड़ के ना आए

धरती से नभ तक अँधेरा-अँधेरा
जाने कब सूरज लाएगा सवेरा

साजन सलोना कहीं ऐसा ना हो
द्वारे तक आके चला जाए

जी को जला के चला जाए
बरखा का मौसम जी को जला के चला जाए
हाए, रे, ये पानी अगन लगा के चला जाए
जी को जला के चला जाए
बरखा का मौसम जी को जला के चला जाए



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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