Zindagi Phoolon Ki Nahin

ज़िंदगी फूलों की नहीं
फूलों की तरह महकी रहे

ज़िंदगी फूलों की नहीं
फूलों की तरह महकी रहे
ज़िंदगी फूलों की नहीं
फूलों की तरह महकी रहे
ज़िंदगी...

जब कोई कहीं गुल खिलता है
आवाज़ नहीं आती, लेकिन
जब कोई कहीं गुल खिलता है
आवाज़ नहीं आती, लेकिन

ख़ुशबू की ख़बर आ जाती है
ख़ुशबू महकी रहे
ज़िंदगी फूलों की नहीं
फूलों की तरह महकी रहे
ज़िंदगी...

जब राह कहीं कोई मुड़ती है
मंज़िल का पता तो होता नहीं
जब राह कहीं कोई मुड़ती है
मंज़िल का पता तो होता नहीं

इक राह पे राह मिल जाती है
राहें मुड़ती रहें

ज़िंदगी फूलों की नहीं
फूलों की तरह महकी रहे
ज़िंदगी फूलों की नहीं
फूलों की तरह महकी रहे
ज़िंदगी...



Credits
Writer(s): Gulzar, Kanu Roy
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