Agar Mujhse Mohabbat Hai

अगर मुझसे मुहब्बत है
मुझे सब अपने ग़म दे दो
इन आँखों का हर इक आँसू
मुझे मेरी क़सम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है

तुम्हारे ग़म को अपना ग़म बना लूँ तो क़रार आए
तुम्हारा दर्द सीने में छुपा लूँ तो क़रार आए
वो हर शय जो तुम्हें दुख दे, मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है

शरीक़-ए-ज़िंदगी को क्यूँ शरीक़-ए-ग़म नहीं करते?
दुखों को बाँट कर क्यूँ इन दुखों को कम नहीं करते?
तड़प इस दिल की थोड़ी सी, मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है

इन आँखों में ना अब मुझको कभी आँसू नज़र आए
सदा हँसती रहे आँखें, सदा ये होंट मुस्काएँ
मुझे अपनी सभी आहें, सभी दर्द-ओ-अलम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है
मुझे सब अपने ग़म दे दो
इन आँखों का हर इक आँसू
मुझे मेरी क़सम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत है



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan
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