Woh Jo Milte the Kabhi Hamse

वो जो मिलते थे कभी...

वो जो मिलते थे कभी हम से दीवानों की तरह
आज यूँ मिलते हैं जैसे कभी पहचान ना थी
वो जो मिलते थे कभी...

देखते भी हैं तो यूँ मेरी निगाहों में कभी
अजनबी जैसे मिला करते हैं राहों में कभी

इस क़दर उनकी नज़र हम से तो अनजान ना थी
वो जो मिलते थे कभी हम से दीवानों की तरह
आज यूँ मिलते हैं जैसे कभी पहचान ना थी
वो जो मिलते थे कभी...

एक दिन था, कभी यूँ ही जो मचल जाते थे
खेलते थे मेरी ज़ुल्फ़ों से, बहल जाते थे

वो परेशाँ थे, मेरी ज़ुल्फ़ परेशान ना थी
वो जो मिलते थे कभी...

वो मोहब्बत, वो शरारत मुझे याद आती है
दिल में एक प्यार का तूफ़ान उठा जाती है

थी, मगर ऐसी तो उलझन में मेरी जान ना थी
वो जो मिलते थे कभी हम से दीवानों की तरह
आज यूँ मिलते हैं जैसे कभी पहचान ना थी
वो जो मिलते थे कभी...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan
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