Uth Meri Jaan

ज़िंदगी तो है अमल सब्र के क़ाबू में नहीं
नब्ज़ का गर्म लहू ठंडे से आँसू में नहीं
उड़ने खुलने में है ख़ुशबू खमे गेसू में नहीं
जन्नत इक और है जो मर्द के पहलू में नहीं

उसकी आज़ाद रबिश पर ही मचलना है तुझे
उसकी आज़ाद रविश पर ही मचलना है तुझे
जिसमें जलता हूँ, उसी आग में जलना है तुझे

उठ मेरी जान, मेरे साथ ही चलना है तुझे
उठ मेरी जान, मेरे साथ ही चलना है तुझे
उठ मेरी जान, उठ मेरी जान, उठ मेरी जान
उठ मेरी जान, मेरे साथ ही चलना है तुझे

तेरे आँचल में हैं किरणें भी, अँधेरा ही नहीं
तुझसे रातें भी महकती हैं, सवेरा ही नहीं
दिल में अरमान भी है, ग़म का बसेरा ही नहीं

ग़म के घनघोर अँधेरे से निकलना है तुझे
ग़म के घनघोर अँधेरे से निकलना है तुझे
जिसमें जलता हूँ, उसी आग में जलना है तुझे

उठ मेरी जान, मेरे साथ ही चलना है तुझे
उठ मेरी जान, उठ मेरी जान, उठ मेरी जान
उठ मेरी जान, मेरे साथ ही चलना है तुझे

क़द्र अब तक तेरी तारीख़ ने जानी ही नहीं
रोशनी भी तेरी आँखों में है, पानी ही नहीं
हार तूने कभी तक़दीर से मानी ही नहीं

तू हक़ीक़त भी है, दिलचस्प कहानी ही नहीं
हर अदा तेरी क़यामत है, जवानी ही नहीं
अपनी तारीख़ का उन्वान बदलना है तुझे

उठ मेरी जान, मेरे साथ ही चलना है तुझे
उठ मेरी जान, उठ मेरी जान, उठ मेरी जान
उठ मेरी जान, मेरे साथ ही चलना है तुझे



Credits
Writer(s): Anu Malik, Azmi Kaifi
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