Socho Na Zara Yeh

सोचो ना, ज़रा ये सोचो ना
बोलो ना, सनम, कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते?
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते?

सोचो ना, ज़रा ये सोचो ना
बोलो ना, सनम, कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते?
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते?

आते-जाते रहें हमेशा ही तक़रार के मौसम
बड़े दिनों के बाद, मगर आए हैं प्यार के मौसम

चले जा रहे थे हम दोनों बचते और बचाते
एक दूजे की जान बन गए मिलते और मिलाते
आज भी ना इक़रार जो होता तो हम मर जाते
मर जाते तो दिल की बातें कैसे बतलाते?

सोचो ना, ज़रा ये सोचो ना
बोलो ना, सनम, कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते?
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते?

सच बोलूँ तो मिलकर तुमसे इसी बात का ग़म है
तेरे प्यार के लिए ये सारी उम्र बहुत ही कम है

लफ़्ज़ों में समझाऊँ कैसे चाहत की गहराई?
तेरे साथ रहूँगी बनके मैं तेरी परछाई
देते हैं आवाज़ तुम्हें ये बाँहों के सहारे
क्या होगा जो नज़र लगा दें सारे ये नज़ारे?

सोचो ना, ज़रा ये सोचो ना
बोलो ना, सनम, कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते?
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते?

सोचो ना, ज़रा ये सोचो ना
बोलो ना, सनम, कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते?
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते?



Credits
Writer(s): Anand Chitragupta Shrivastava, Milind Chitragupta Shrivastava, Rani Malik
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