Mane Sote Diya Jagaye

(का करीबो, जाने का करीबो)
(का करीबो, जाने का करीबो)

हो, मने सोते दीया जगाए, जाने का करीबो
हो, मने सोते दीया जगाए, जाने का करीबो

काहे दीपक...
हो, काहे दीपक...
हाँ, काहे दीपक-दीया बुझाए, जाने का करीबो
रे, मने सोते दीया जगाए, जाने का करीबो (का करीबो)
काहे दीपर दीया बुझाए, जाने का करीबो

कुछ देर पहले छोड़ा था हाथ, क्या ना किया था मेरे साथ
फिर याद आई कौन सी बात, सोने ना देगा क्या सारी रात?
फेरे लिए अभी मंडप में साथ, फिर आ गया वो लेके बारात

दिल मेरा, दिल मेरा, दिल मेरा...
आ, दिल मेरा बड़ा घबराए, जाने का करीबो
हो, मने सोते दीया जगाए, जाने का करीबो

वो बस कभी करता नहीं, उसका तो दिल भरता नहीं
"आ, प्यार कर लें", कहता है वो, तैयार हर-दम रहता है वो
चाहे कभी मैं सोने गई, चाहे मैं कपड़े धोने गई

कपड़े धोते लिए बुलाए, जाने का करीबो
हो, मने सोते दीया जगाए, ओ, जाने का करीबो

पहले दिल मेरा धड़का दिया, रे सीने में शोला भड़का दिया
फिर मेरा आँचल सरका दिया, ज़ुल्फ़ों का गजरा बिख़रा दिया
सब चूड़ियों को खनका दिया, सूली पे मुझको लटका दिया

मैं पूछती, पूछती, पूछती...
ओ, पूछती रह गई, हाय, ओ, जाने का करीबो
हो, मने सोते दीया जगाए, जाने का करीबो

काहे दीपक...
हो, काहे दीपक...
हो, काहे दीपक-दीया बुझाए, जाने का करीबो
रे, मने सोते दीया जगाए, जाने का करीबो
काहे दीपर दीया बुझाए, जाने का करीबो

(का करीबो, जाने का करीबो)
(का करीबो, जाने का करीबो)



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Kudalkar, Pyarelal Sharma
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