Muddat Ki Tamannaon Ka Sila

मुद्दत की तमन्नाओं का सिला
जज़्बात को अब मिल जाने दो
मुद्दत की तमन्नाओं का सिला
जज़्बात को अब मिल जाने दो

जिस तरह मिली हैं दो रूहें
उस तरह से लब मिल जाने दो
मुद्दत की तमन्नाओं का सिला...
सीने से हटा दो आँचल को
शाने से झटक दो ज़ुल्फ़ों को
सीने से हटा दो आँचल को
शाने से झटक दो ज़ुल्फ़ों को
शाने से झटक दो ज़ुल्फ़ों को

जाती हुईं रंगीं घड़ियों को
रुकने का सबब मिल जाने दो
मुद्दत की तमन्नाओं का सिला...
इन पाक गुनाहों की घड़ियाँ
आती हैं, मगर हर रात नहीं
इन पाक गुनाहों की घड़ियाँ
आती हैं, मगर हर रात नहीं
आती हैं, मगर हर रात नहीं

इस रात में सब खो जाने दो
इस रात में सब मिल जाने दो
मुद्दत की तमन्नाओं का सिला...



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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