Kaun Disha Mein Leke Chala

कौन दिसा में लेके चला रे बटुहिया
कौन दिसा में लेके चला रे बटुहिया
कौन दिसा में लेके चला रे बटुहिया
ऐ ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे

मन भरमाये नयना बाँधे ये डगरिया
मन भरमाये नयना बाँधे ये डगरिया
कहीं गए जो ठहर, दिन जायेगा गुज़र
गाडी हाँकन दे, हाँकन दे
कौन दिसा में लेके चला रे बटुहिया
कौन दिसा में

पहली बार हम निकले हैं घर से, किसी अंजाने के संग हो
अनजाने से पहचान बढ़ेगी तो महक उठेगा तोरा अंग हो
महक से तू कहीं बहक न जाना
महक से तू कहीं बहक न जाना
न करना मोहे तंग हो, तंग करने का तोसे नाता है गुज़रिया
तंग करने का तोसे नाता है गुज़रिया
हे, ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे
कौन दिसा में लेके चला रे बटुहिया
कौन दिसा में

हो हो औ हो हो औ हो हो हो
औ औ हो हो औ हो हो हो

कितनी दूर अभी कितनी दूर है, ऐ चंदन तोरा गाँव हो
कितना अपना लगने लगे जब कोई बुलाये लेके नाम हो
नाम न लेतो क्या कहके बुलायें
नाम न लेतो क्या कहके बुलायें
कैसे करायें काम हो, साथी मितवा या अनाड़ी कहो गोरिया
साथी मितवा या अनाड़ी कहो गोरिया
कहीं गये जो ठहर, दिन जायेगा गुज़र
गाड़ी हाँकन दे, हाँकन दे
कौन दिसा में लेके चला रे बटुहिया
कौन दिसा में

ऐ गुंजा, उस दिन तेरी सखियाँ, करती थीं क्या बात हो?
कहतीं थीं तोरे साथ चलन को तो, आगे हम तोरे साथ हो
साथ अधूरा तब तक जब तक
साथ अधूरा तब तक जब तक
पूरे ना हो फ़ेरे साथ हो, अब ही तो हमारी है बाली रे उमरिया
अब ही तो हमारी है बाली रे उमरिया
ऐ ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे
मन भरमाये नयना बाँधे ये डगरिया
मन भरमाये नयना बाँधे ये डगरिया
कहीं गए जो ठहर, दिन जायेगा गुज़र
गाडी हाँकन दे, देखन दे
मन भरमाये नयना बाँधे ये डगरिया
मन भरमाये



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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