Rekha O Rekha Jabse Tumhen Dekha

रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
खाना-पीना-सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया

हाए, रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
खाना-पीना-सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया

तुमसे दिल क्या लगाया है
तुमको क़ाबिल बनाया है
अरे, तुमसे दिल क्या लगाया है
तुमको क़ाबिल बनाया है

दिन-रात जलाती हो, दीवाना बनाती हो
दिन-रात जलाती हो, दीवाना बनाती हो
अरे, मेरा भी एक दिन ज़रूर आएगा
होय, होय, होय

रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
खाना-पीना-सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया

काफ़ी महँगा ये प्यार है
शादी का इंतज़ार है
अरे, काफ़ी महँगा ये प्यार है
शादी का इंतज़ार है

मालिक पे भरोसा है, मैंने तो ये सोचा है
मालिक पे भरोसा है, मैंने तो ये सोचा है
अरे, मेहनत जो की है तो फल भी मिलेगा
होय, होय, होय

रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
खाना-पीना-सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया

हाए, रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
रेखा ओ रेखा, जब से तुम्हें देखा
खाना-पीना-सोना दुश्वार हो गया
मैं आदमी था काम का बेकार हो गया



Credits
Writer(s): Pant Ramesh, Rahul Dev Burman
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