Ankhiyon Ke Jharokhon Se (Sad Version)

कुछ बोल के ख़ामोशियाँ तड़पाने लगी हैं
चुप रहने पे मजबूरियाँ याद आने लगी हैं

कुछ बोल के ख़ामोशियाँ तड़पाने लगी हैं
चुप रहने पे मजबूरियाँ याद आने लगी हैं

तू भी मेरी तरह हँस ले आँसू पलकों पे थाम के
तू भी मेरी तरह हँस ले आँसू पलकों पे थाम के
जितनी है ख़ुशी ये भी अश्कों में ना बह जाए

अंखियों के झरोखों से मैंने देखा जो साँवरे
तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए
बंद कर के झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्हीं मुस्काए, मन में तुम्हीं मुस्काए



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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