Woh Chandani Ka Badan

वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है
वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से
उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से

तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है
बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है
वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है

उसे किसी की मोहब्बत का ऐतबार नहीं
उसे किसी की मोहब्बत का ऐतबार नहीं

उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है
बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है
वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है

तमाम उम्र मेरा दम इसी धुएँ में घुटा
तमाम उम्र मेरा दम इसी धुएँ में घुटा

वो इक चराग़ था, मैंने उसे बुझाया है
बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है
वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है



Credits
Writer(s): Anup Jalota, Bashir Badr
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