Dil Mein Rakhlo

दिल में रख लो कि निगाहों में बसा लो मुझको
दिल में रख लो कि निगाहों में बसा लो मुझको
ज़िंदगी हूँ मैं, किसी शक्ल में ढालो मुझको
दिल में रख लो...

शक के सन्नाटे में डूबी हुई आवाज़ हूँ मैं
शक के सन्नाटे में डूबी हुई आवाज़ हूँ मैं

इस अँधेरे के समंदर से निकालो मुझको
इस अँधेरे के समंदर से निकालो मुझको
दिल में रख लो...

सारा मैख़ाना ही माँगे है मेरी तिश्ना-लबी
सारा मैख़ाना ही माँगे है मेरी तिश्ना-लबी

एक-दो जाम पे, लिल्लाह, ना टालो मुझको
एक-दो जाम पे, लिल्लाह, ना टालो मुझको
दिल में रख लो...

मैं तो एक अश्क-ए-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं
मैं तो एक अश्क-ए-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं

तुम अगर चाहो तो पलकों पे बिठा लो मुझको
तुम अगर चाहो तो पलकों पे बिठा लो मुझको
दिल में रख लो...

ज़र्रा-ए-ख़ाक हूँ पर्वाज़ की हसरत है, मगर
ज़र्रा-ए-ख़ाक हूँ पर्वाज़ की हसरत है, मगर

आँधियों, तेज़ चलो और उड़ा लो मुझको
आँधियों, तेज़ चलो और उड़ा लो मुझको
दिल में रख लो कि निगाहों में बसा लो मुझको
दिल में रख लो...



Credits
Writer(s): Rifat Sarosh, Madhu Rani
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