Kinare

ढूंढे हर इक सांस में
डुबकियों के बाग में
हर भंवर के पास किनारे
बह रहे जो साथ में
जो हमारे ख़ास थे
कर गये अपनी बात किनारे

'गर मांझी साथ में
गैर हो भी जाएँ
तो खुद ही तो पतवार बन
पार होंगे हम
जो छोटी सी हर इक नहर
सागर बन भी जाए
कोई तिनका लेके हाथ में
ढूंढ लेंगे हम किनारे
किनारे
किनारे

खुद ही तो है हम किनारे
कैसे होंगे कम
किनारे
हैं जहाँ है हम
किनारे
खुद ही तो है हम
हां खुद ही तो है हम

औरों से क्या खुद ही से
पूछ लेंगे राहें
यहीं कहीं मौजों में ही
ढूंढ लेंगे हम
बूंदों से ही, तो हैं वहीं
बांध लेंगे लहरें
पैरों तले जो भी मिले
बांध लेंगे हम किनारे
किनारे
किनारे

खुद ही तो है हम किनारे
कैसे होंगे कम
किनारे
हैं जहाँ है हम
किनारे
खुद ही तो है हम
हां खुद ही तो है हम



Credits
Writer(s): Anvita Dutt, Amit Trivedi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link