Raat Bhar Ka Hai Mehman Andhera

रात-भर का है मेहमाँ अँधेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात-भर का है मेहमाँ अँधेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात-भर का है मेहमाँ अँधेरा

आ, कोई मिल के तदबीर सोचें
सुख के सपनों की ताबीर सोचें
आ, कोई मिल के तदबीर सोचें
सुख के सपनों की ताबीर सोचें

जो तेरा है वो ही ग़म है मेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात-भर का है मेहमाँ अँधेरा
किस के रोके रुका है सवेरा

रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उतनी ही रंगीन होगी
रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उतनी ही रंगीन होगी

ग़म ना कर 'गर है बादल घनेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात-भर का है मेहमाँ अँधेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात-भर का है मेहमाँ अँधेरा



Credits
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Ludiavani Sahir
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