Badshah In Jail

रात हिंडोले पे बैठा एक
रात हिंडोले पे बैठा एक
बंदा रोता झूल गया

रात हिंडोले पे बैठा एक
बंदा रोता झूल गया

पढ़ ली आज क़ुरान मगर मैं
पढ़ ली आज क़ुरान मगर मैं
आयतों को भूल गया

रात हिंडोले पे बैठा एक
रात हिंडोले पे बैठा एक
बंदा रोता झूल गया

पढ़ ली आज क़ुरान मगर मैं
पढ़ ली आज क़ुरान मगर मैं
आयतों को भूल गया

काहे रे मौला को ढूँढे हैं
काहे रे मौला को ढूँढे हैं
इस मकड़ी के जाले में

वही बात मदीना में है
वही बात मदीना में है
जो है बात शिवालय में

रात हिंडोले पे बैठा एक
बंदा रोता झूल गया

पढ़ ली आज क़ुरान मगर मैं
पढ़ ली आज क़ुरान मगर मैं
आयतों को भूल गया



Credits
Writer(s): Piyush Mishra, Indian Ocean
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