Aahat Si Koi Aaye

आहट सी कोई आए तो लगता है, तो लगता है कि तुम हो
आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो
साया कोई लहराए तो लगता है, तो लगता है कि तुम हो
आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो

जब शाख़ कोई हाथ लगाते ही चमन में
जब शाख़ कोई हाथ लगाते ही चमन में

शरमाए, लचक जाए तो लगता है कि तुम हो
शरमाए, लचक जाए तो लगता है, तो लगता है कि तुम हो
आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो

संदल से महकती हुई पुर-कैफ़ हवा का
संदल से महकती हुई पुर-कैफ़ हवा का

झोंका कोई टकराए तो लगता है कि तुम हो
झोंका कोई टकराए तो लगता है, तो लगता है कि तुम हो
साया कोई लहराए तो लगता है कि तुम हो
तो लगता है कि तुम हो, तो लगता है कि तुम हो



Credits
Writer(s): Jan Nisar Akhtar, Khaja Bahauddin
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