Pehle Bhi Majbooriyan Thi

पहले भी मजबूरियाँ थीं
पहले भी मजबूरियाँ थीं
मजबूरियाँ आज भी हैं
वो सामने तो हैं मेरे
पर दूरियाँ आज भी हैं
पहले भी मजबूरियाँ थीं

लहरा रही हैं वो ज़ुल्फ़ें
साक़ी, बता क्या करूँ मैं?
साक़ी, बता क्या करूँ मैं?
लहरा रही हैं वो ज़ुल्फ़ें
साक़ी, बता क्या करूँ मैं?

जिनसे क़सम टूटती हैं
जिनसे क़सम टूटती हैं
वो बदलियाँ आज भी हैं
वो सामने तो हैं मेरे
पर दूरियाँ आज भी हैं
पहले भी मजबूरियाँ थीं

सब में नहीं कशिश ये
लेकिन हैं कुछ ऐसे चेहरे
लेकिन हैं कुछ ऐसे चेहरे
सब में नहीं कशिश ये
लेकिन हैं कुछ ऐसे चेहरे

तकती हुई राह जिनकी
तकती हुई राह जिनकी
कुछ खिड़कियाँ आज भी हैं
वो सामने तो हैं मेरे
पर दूरियाँ आज भी हैं
पहले भी मजबूरियाँ थीं

मैंने, मुराद, उसको लिखे
जो ख़त ना उसने सँभाले
जो ख़त ना उसने सँभाले
मैंने, मुराद, उसको लिखे
जो ख़त ना उसने सँभाले

पर उसने मुझको जो भेजी
पर उसने मुझको जो भेजी
वो चिट्ठियाँ आज भी हैं
वो सामने तो हैं मेरे
पर दूरियाँ आज भी हैं

पहले भी मजबूरियाँ थीं
मजबूरियाँ आज भी हैं
वो सामने तो हैं मेरे
पर दूरियाँ आज भी हैं
पहले भी मजबूरियाँ थीं



Credits
Writer(s): Chandan Dass
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