Aakhri Geet Mohabbat Ka

आख़िरी गीत मुहब्बत का सुना लूँ, तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा, दो अश्क़ बहा लूँ, तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा

आज वो दिन है के तूने मुझे ठुकराया है
अपना अंजाम इन आँखों को नज़र आया है
वहशत-ए-दिल मैं ज़रा होश में आ लूँ, तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा

आज मैं ग़ैर हूँ, कुछ दिन हुए मैं ग़ैर ना था
मेरी चाहत मेरी उल्फ़त से तुझे बैर ना था
मैं हूँ अब ग़ैर यकीं दिल को दिला लूँ, तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा

तेरी दुनिया से मैं एक रोज़ चला जाऊंगा
और गए वक़्त की मानिंद नहीं आऊंगा
फिर ना आने की क़सम आज मैं खा लूँ, तो चलूँ
आख़िरी गीत मुहब्बत का सुना लूँ, तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा, दो अश्क़ बहा लूँ, तो चलूँ
मैं चला जाऊंगा



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Mehandi Ali Khan
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