Aey Dil Laya Hai Bahar

ऐ दिल, लाया है बहार
अपनों का प्यार, क्या कहना
मिले हम, छलक उठा
ख़ुशी का ख़ुमार, क्या कहना

खिले-खिले चेहरों से आज
घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना
खिले-खिले चेहरों से आज
घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना

ऐ दिल, लाया है बहार
अपनों का प्यार, क्या कहना
मिले हम, छलक उठा
ख़ुशी का ख़ुमार, क्या कहना

हम-तुम यूँ ही मिलते रहें
महफ़िल यूँ ही सजती रहे
बस प्यार की यही एक धुन
हर सुबह-शाम बजती रहे

गली में महकता रहे
प्यार-भरी बाँहों का हार, क्या कहना
खिले-खिले चेहरों से आज
घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना

ऐ दिल, लाया है बहार
अपनों का प्यार, क्या कहना
मिले हम, छलक उठा
ख़ुशी का ख़ुमार, क्या कहना

खिले-खिले चेहरों से आज
घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना
खिले-खिले चेहरों से आज
घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार, क्या कहना



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rajesh Roshan
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