Saare jahan se acha

सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलसितां हमारा
सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलसितां हमारा

पर्वत हो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा
सारे जहां से अच्छा

गोदी में खेलती हैं, इसकी हज़ारों नदियां
गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनां हमारा
सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलसितां हमारा
सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, वो गुलसितां हमारा



Credits
Writer(s): Traditional, Padmanabha Bapu
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link