Jalti Kaathi Dekh Ke

जलती काठी देख के मन काठी मुस्काए
जलती काठी देख के मन काठी मुस्काए
मैं तो जल के राख भई, रोटी जग हँस खाए

रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?

शम्मा जले, गल-गल मरे, रौशन ड्योढ़ी होए
शम्मा जले, गल-गल मरे, रौशन ड्योढ़ी होए
दीपक टिम-टिम कर जले आँगन रौशन पाए

रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?

बाती जल-जल मर गई तेल ख़तम जब होए
बाती जल-जल मर गई तेल ख़तम जब होए
मर-मर रस्ता दे गई परमारथ बतलाए

रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?

जेकर जियरा यूँ जरे कुसल-छेम की चाह
जेकर जियरा यूँ जरे कुसल-छेम की चाह
दास नारायण जीवन सफ़ल या तुमको समझाए

रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?

जलती काठी देख के मन काठी मुस्काए
मैं तो जल के राख भई, रोटी जग हँस खाए

रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?
रे मनवा, काहे समझ ना आए?



Credits
Writer(s): Narayan Agarwal, Seth Kavita
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