Patang Jaisa Hawa Mein Duet

पूरब से पुरवा आई, मौसम ने ली अंगड़ाई
पूरब से पुरवा आई, मौसम ने ली अंगड़ाई
कोयल ने कुहुक लगाई, क्या होगा दिल का
पतंग जैसा हवा में लहराए दुपट्टा मेरा मलमल का
पतंग जैसा हवा में लहराए दुपट्टा मेरा मलमल का

उड़ते दुपट्टे में लिपटा गुलाब है
वादियों में महका मेरे प्यार का शबाब है
उड़ते दुपट्टे में लिपटा गुलाब है
वादियों में महका मेरे प्यार का शबाब है

क़ुदरत के रंगों से हसीं रंग तेरे आँचल का
पतंग जैसा हवा में लहराए दुपट्टा तेरा मलमल का
पतंग जैसा हवा में लहराए दुपट्टा मेरा मलमल का

टिकते नहीं हैं ज़मीं पे मेरे पाँव रे
अच्छा नहीं लागे अब घर, गली, गाँव रे
टिकते नहीं हैं ज़मीं पे मेरे पाँव रे
अच्छा नहीं लागे अब घर, गली, गाँव रे

जब से नैना चार हुए हैं, चैन नहीं पल का
पतंग जैसा हवा में लहराए दुपट्टा मेरा मलमल का
पतंग जैसा हवा में लहराए दुपट्टा तेरा मलमल का

ऐसा ही होता है पहले-पहले प्यार में
जब दो जवाँ दिल मिलते बहार में
ऐसा ही होता है पहले-पहले प्यार में
जब दो जवाँ दिल मिलते बहार में

हम दोनों का हाल भी वैसा, जैसे पागल का
पतंग जैसा हवा में लहराए दुपट्टा मेरा मलमल का
पतंग जैसा हवा में लहराए दुपट्टा तेरा मलमल का

पूरब से पुरवा आई, मौसम ने ली अंगड़ाई
कोयल ने कुहुक लगाई, दिल हो गया दिल का
पतंग जैसा हवा में लहराए (दुपट्टा तेरा मलमल का)
पतंग जैसा हवा में लहराए (दुपट्टा मेरा मलमल का)



Credits
Writer(s): Satish, Bhoopi Ratan
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