Anchal Mein Phool Chand

आँचल में फूल, चाँद, सितारे सजा लिए
आँचल में फूल, चाँद, सितारे सजा लिए
नैनों में मैंने आस के दीपक जला लिए

सुनते ही उनका नाम, मेरा दिल धड़क उठा
कजरा लहक उठा, मेरा गजरा महक उठा

दुनिया ने दिल के भेद निगाहों से पा लिए
आँचल में फूल, चाँद, सितारे सजा लिए
नैनों में मैंने आस के दीपक जला लिए

करते हैं सब ही प्यार, मगर इस क़दर नहीं
हम उनके कब हुए, ये हमें ख़ुद ख़बर नहीं

आँखों ने नींद छोड़ के सपने सजा लिए
आँचल में फूल, चाँद, सितारे सजा लिए
नैनों में मैंने आस के दीपक जला लिए

जल्दी से इंतज़ार का मौसम तमाम हो
जी चाहता है, आज ये जल्दी से शाम हो

इस बेक़रार दिल को कहाँ तक सँभालिए
आँचल में फूल, चाँद, सितारे सजा लिए
नैनों में मैंने आस के दीपक जला लिए

आँगन में मेरे प्यार की बारात आएगी
था जिसका इंतज़ार वही रात आएगी

ख़्वाबों में ताजमहल वफ़ा के बना लिए
आँचल में फूल, चाँद, सितारे सजा लिए
नैनों में मैंने आस के दीपक जला लिए



Credits
Writer(s): Khayyam, Hasan Kamal
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