Kabhi Kabhi Mere Dil Mein

कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कि जैसे तुझ को बनाया गया है मेरे लिए
कि जैसे तुझ को बनाया गया है मेरे लिए

तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं

तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिए
तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिए
कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कि जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में
कि जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में

सुहागरात है, घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सुहागरात है, घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाँहों में
सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाँहों में

कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कि जैसे तू मुझे चाहेगी उमर भर यूँ ही
उठेगी मेरी तरफ़ प्यार की नज़र यूँ ही

मैं जानता हूँ कि तू ग़ैर है, मगर यूँ ही
मैं जानता हूँ कि तू ग़ैर है, मगर यूँ ही
कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है



Credits
Writer(s): Khayyam, Sahir Ludhiyanvi
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