Aas Paas Khuda (Unplugged)

धुँधला जाएँ जो मंज़िलें, इक पल को तू नज़र झुका
झुक जाए सर जहाँ, वहीं मिलता है रब का रास्ता

तेरी क़िस्मत तू बदल दे
रख हिम्मत, बस चल दे
तेरे साथ ही मेरे क़दमों के हैं निशाँ

तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास है खुदा

खुद पे डाल तू नज़र, हालातों से हार कर कहाँ चला रे?
हाथ की लकीर को मोड़ता-मरोड़ता है हौसला रे
तो खुद तेरे ख़ाबों के रंग में तू अपने जहाँ को भी रंग दे
कि चलता हूँ मैं तेरे संग में, हो शाम भी तो क्या?

जब होगा अँधेरा तब पाएगा दर मेरा
उस दर पे फिर होगी तेरी सुबह

तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास है खुदा

मिट जाते हैं सबके निशाँ
बस एक वो मिटता नहीं, हाय, hey
मान ले जो हर मुश्किल को मर्ज़ी मेरी, हाय

हो हमसफ़र ना तेरा जब कहीं
साया मेरा रहेगा तब वहीं
तुझ से कभी ना एक पल भी मैं जुदा

तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास है खुदा
तू ना जाने, आस-पास (है खुदा)



Credits
Writer(s): Vishal Dadlani,shekhar Ravjiani
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