Sayani (Original)

कल तक मेरी तौबा, हाय, कमसिन थी जवानी
कल तक मेरी तौबा, हाय, कमसिन थी जवानी
पल-भर में हुई मैं सयानी

जैसे ही बाँहों में उसने मुझे भरा, क़सम से
ऐसे में मैं कुछ ना बोली, मैं मर गई शर्म से
फिर क्या हुआ, मैं जानूँ ना
आँखों में कैसा छाया नशा

कानों में क्या मेरे उसने कहाँ
बाक़ी जो होश था, वो भी गया
फिर क्या हुआ, मैं जानूँ ना
आँखों में कैसा छाया नशा

देखा जो आईना लगा यूँ
चेहरा अपना लगे नया क्यूँ?
कैसे ये हो गया?
दिल खो गया, क्या हो गया?
देखा जो आईना लगा यूँ

सपना सच हो गया जनम का
कैसे मैं नाम लूँ सनम का?
कैसे ये हो गया?
दिल खो गया, क्या हो गया?
सपना सच हो गया जनम का

धीरे-धीरे ऐसी मस्ती छाई
उसपे तन्हाई ने आग लगाई
कैसे ये सब हुआ, समझ ना पाई
गई जवानी, अब मैं हुई पराई

धीरे-धीरे ऐसी मस्ती छाई
उसपे तन्हाई ने आग लगाई
कैसे ये सब हुआ, समझ ना पाई
गई जवानी, अब मैं हुई पराई

दिल खिलौना ही था, ये तो खोना ही था
दिल खिलौना ही था, ये तो खोना ही था
ये तो होना ही था, हाँ-हाँ-हाँ
ये तो होना ही था, हाय

कल तक मेरी तौबा, हाय, कमसिन थी जवानी
कल तक मेरी तौबा, हाय, कमसिन थी जवानी
पल-भर में हुई मैं सयानी



Credits
Writer(s): Rajesh Jhaveri, Johri Rajesh
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