Mana Ho Tum Behad Haseen

माना, हो तुम बेहद हसीं
ऐसे बुरे हम भी नहीं
माना, हो तुम बेहद हसीं
ऐसे बुरे हम भी नहीं

देखो कभी तो प्यार से
डरते हो क्यूँ इक़रार से?
माना, हो तुम बेहद हसीं
ऐसे बुरे हम भी नहीं

खुलता नहीं कुछ, दिलरुबा
तुम हम से ख़ुश हो या हो ख़फ़ा
तिरछी नज़र, तीखी अदा
लगते हो क्यूँ बेज़ार से?

देखो कभी तो प्यार से
डरते हो क्यूँ इक़रार से?
माना, हो तुम बेहद हसीं
ऐसे बुरे हम भी नहीं

तुम दो क़दम दो साथ अगर
आसान हो जाए सफ़र
छोड़ो भी ये दुनिया का डर
तोड़ो ना दिल इनकार से

देखो कभी तो प्यार से
डरते हो क्यूँ इक़रार से?
माना, हो तुम बेहद हसीं
ऐसे बुरे हम भी नहीं
देखो कभी तो प्यार से
डरते हो क्यूँ इक़रार से?



Credits
Writer(s): Bappi Lahiri, Kaifi Azmi
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