Koi Dil Na Kisi Se Lagaye

हाँ, कोई दिल ना किसी से लगाए
हाँ, कोई दिल ना किसी से लगाए
तीर प्यार का कलेजे पे ना खाए
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ

हो, कोई दिल ना किसी से लगाए
हाँ, कोई दिल ना किसी से लगाए
तीर प्यार का कलेजे पे ना खाए
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ
हाँ, कोई दिल ना किसी से लगाए

सोहनी बन कर दरियाओं में प्यासा डूबना पड़ता है
सोहनी बन कर दरियाओं में प्यासा डूबना पड़ता है
सस्सी बन कर सहराओं में ज़िंदा जलना पड़ता है
हाँ, ज़िंदा जलना पड़ता है

हो, कभी लहरों में ये डूबोए
हो, कभी लहरों में ये डूबोए
कभी बन-बन में भटकाए
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ
हो, कोई दिल ना किसी से लगाए

ऊपर वाले ने जब एक दिन फूल और कलियाँ बाँटे थे
ऊपर वाले ने जब एक दिन फूल और कलियाँ बाँटे थे
इश्क़ की झोली में देखा तो बस काँटें ही काँटें थे
बस काँटें ही काँटें थे

ऊपर वाले ने जब एक दिन फूल और कलियाँ बाँटे थे
इश्क़ की झोली में देखा तो बस काँटें ही काँटें थे
बस काँटें ही काँटें थे

हो, लगी दिल की जो आग लगाए
हो, लगी दिल की जो आग लगाए
सारी उम्र उसी में जल जाए
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ

हो, कोई दिल ना किसी से लगाए
हो, कोई दिल ना किसी से लगाए
तीर प्यार का कलेजे पे ना खाए
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ

हो, कोई दिल ना किसी से लगाए
हाँ, कोई दिल न किसी से लगाए
हो, कोई दिल ना किसी से लगाए
हो, कोई दिल न किसी से लगाए
ਕੇ ਰੋਗ ਬੁਰਾ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ



Credits
Writer(s): Kulwant Jani, Aadesh Srivastava
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