Kuch Log Jiti Bazi

कुछ लोग जीती बाज़ी अपने से हारते है
मिट कर किसी की दुनिया कैसे सवारते है?
कुछ लोग जीती बाज़ी अपने से हारते है
मिट कर किसी की दुनिया कैसे सवारते है?

कुछ रास्ते है, जिनकी मंज़िल नहीं है कोई
कुछ कश्तियाँ है, जिनका साहिल नहीं है कोई
कुछ रास्ते है, जिनकी मंज़िल नहीं है कोई
कुछ कश्तियाँ है, जिनका साहिल नहीं है कोई

ग़ुमनाम ज़िन्दगी यूँ कितने गुज़रते है
मिट कर किसी की दुनिया कैसे सवारते है?

खुद बागबा ने फुका है मेरे आशिया को
मजबूर होके मैंने छोड़ा है गुलसिता को
खुद बागबा ने फुका है मेरे आशिया को
मजबूर होके मैंने छोड़ा है गुलसिता को

उस गुलसिता के बंदे बेमौत मारते है
मिट कर किसी की दुनिया कैसे सवारते है?

ना जा, ना जा, ना जा, ना जा

उठ कर यूँ बेरुखी से महफ़िल से जाने वाले
यूँ छीन लेना ना हमसे दीदार के उजाले
उठ कर यूँ बेरुखी से महफ़िल से जाने वाले
यूँ छीन लेना ना हमसे दीदार के उजाले

रुक जा के मेरे आँसू तुझको पुकारते है
मिट कर किसी की दुनिया कैसे सवारते है?



Credits
Writer(s): Chitragupta, Ravindra Rawal, Anand Chitragupt
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link