Sharam Aati Hai Magar

शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा
शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा
अब हमें आप के क़दमों ही में रहना होगा
शर्म आती है मगर...

आप से रूठ के हम जितना जिए ख़ाक जिए
आप से रूठ के हम जितना जिए ख़ाक जिए
कई इल्ज़ाम लिए और कई इल्ज़ाम दिए
आज के बाद मगर कुछ भी ना कहना होगा

अब हमें आप के क़दमों ही में रहना होगा
शर्म आती है...

देर के बाद ये समझे हैं मोहब्बत क्या है
अब हमें चाँद के झूमर की ज़ुरूरत क्या है
प्यार से बढ़ के भला कौन सा गहना होगा

अब हमें आप के क़दमों ही में रहना होगा
शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा

आपके प्यार का बीमार हमारा दिल है
आपके प्यार का बीमार हमारा दिल है
आपके ग़म का ख़रीदार हमारा दिल है
आपको अपना कोई दर्द ना सहना होगा

अब हमें आप के क़दमों ही में रहना होगा
शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा

शर्म आती है...



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Rahul Dev Burman
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