Na Thu Mere Paas
साजना, साजना
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
तू बेसहारा था मेरे बिन, साजना
बरसी फुहार सी मैं रात-दिन
तू बेसहारा था मेरे बिन, साजना
बरसी फुहार सी मैं रात-दिन
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
होंठों की मिठास तो, धड़कनों की प्यास को चुरा लिया
आँखों में सुरूर को बसा लिया, तूने बसा लिया
होंठों की मिठास तो, धड़कनों की प्यास को चुरा लिया
आँखों में सुरूर को बसा लिया, तूने बसा लिया
करके बेक़रार तू जाने कहाँ खो गया
बेचैन हो गया दिल, साजना
बिन तेरे बेचैन हो गया दिल, साजना
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
तेरे एहसास को, शबनमी साँस को बसा लिया
अपने जिस्म-ओ-जान में छुपा लिया, मेरे साथिया
तेरे एहसास को, शबनमी साँस को बसा लिया
अपने जिस्म-ओ-जान में छुपा लिया, मेरे साथिया
यूँ ही अंजाने में लेके तुम्हें बाँहों में
तेरी ख़ुशियों को मैंने अपना लिया
बातों-बातों में सनम ये क्या किया
करके बेक़रार तू जाने कहाँ खो गया
बेचैन हो गया दिल, साजना
बिन तेरे बेचैन हो गया दिल, साजना
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
तू बेसहारा था मेरे बिन, साजना
बरसी फुहार सी मैं रात-दिन
तू बेसहारा था मेरे बिन, साजना
बरसी फुहार सी मैं रात-दिन
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
तू बेसहारा था मेरे बिन, साजना
बरसी फुहार सी मैं रात-दिन
तू बेसहारा था मेरे बिन, साजना
बरसी फुहार सी मैं रात-दिन
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
होंठों की मिठास तो, धड़कनों की प्यास को चुरा लिया
आँखों में सुरूर को बसा लिया, तूने बसा लिया
होंठों की मिठास तो, धड़कनों की प्यास को चुरा लिया
आँखों में सुरूर को बसा लिया, तूने बसा लिया
करके बेक़रार तू जाने कहाँ खो गया
बेचैन हो गया दिल, साजना
बिन तेरे बेचैन हो गया दिल, साजना
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
तेरे एहसास को, शबनमी साँस को बसा लिया
अपने जिस्म-ओ-जान में छुपा लिया, मेरे साथिया
तेरे एहसास को, शबनमी साँस को बसा लिया
अपने जिस्म-ओ-जान में छुपा लिया, मेरे साथिया
यूँ ही अंजाने में लेके तुम्हें बाँहों में
तेरी ख़ुशियों को मैंने अपना लिया
बातों-बातों में सनम ये क्या किया
करके बेक़रार तू जाने कहाँ खो गया
बेचैन हो गया दिल, साजना
बिन तेरे बेचैन हो गया दिल, साजना
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
तू बेसहारा था मेरे बिन, साजना
बरसी फुहार सी मैं रात-दिन
तू बेसहारा था मेरे बिन, साजना
बरसी फुहार सी मैं रात-दिन
ना तू मेरे पास भी, ना तू मुझसे दूर भी
कहाँ तुझे ढूँढूँ, ना मुझे पता
Credits
Writer(s): East Coast Vijayan, Vijay Karun
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