Jaan Meri

जाँ मेरी, जान-ए-जानाँ
संग-संग चलें कहीं

जाँ मेरी..., आ-हा-हा

जाँ मेरी, जान-ए-जानाँ
संग-संग चलें कहीं
(जाँ मेरी, जान-ए-जानाँ)
(संग-संग चलें कहीं)

हाथों में हाथ, तुम मेरे साथ
रुकें ना हम कहीं
(हाथों में हाथ, तुम मेरे साथ)
(रुकें ना हम कहीं)

टिमटिमाते तारे मिलके देते हैं रोशनी
जगमग, जगमग, जगमग, जुगनू चमकाएँ हसीं
(टिम-टिम-टिम, टिम-टिम-टिम तारे दे रोशनी)
(जगमग-जग, जगमग-जग, जुगनू से रात हसीं)

(तो झिलमिलाएँ) ज़रा, (टिमटिमाएँ) ज़रा
हम-तुम भी मिलके क्यूँ ना जगमगाएँ ज़िंदगी? (ज़िंदगी)

जाँ मेरी..., आ-हा-हा
जाँ मेरी, जान-ए-जानाँ
संग-संग चलें कहीं

तिनके जुड़े तो बनता है आशियाना
बूँदें भरे हैं सागर का पैमाना
(बस उसी तरह से...)
हो, बस उसी तरह से अपने दिल मिलें
तो मौसम हो जाएँ आशिक़ाना

अपने होंठों पे है हरदम
मीठा-मीठा एक तराना
यारों, अपना दिल बड़ा है
शायराना, शायराना

जाँ मेरी, जान-ए-जानाँ (जान-ए-जानाँ)
संग-संग चलें कहीं (चलें कहीं)
हाथों में हाथ, तुम मेरे साथ
रुकें ना हम कहीं

यहाँ
यहाँ, हाँ-हाँ-हाँ, आ, हाँ

हमें पता है, एक आग है उधर भी (हमें पता है)
पहुँची है जिसकी आँच तो इधर भी
हमको पता है, एक आग है उधर भी
पहुँची है जिसकी आँच तो इधर भी

आ ज़रा, जलें हम
आ ज़रा, जलें, दोनों के इश्क़ मिले
तो रोशन हो जाए ये जहाँ भी (ये जहाँ भी)

शोला-शोला धड़के ज़रा
ज़र्रा-ज़र्रा चमके ज़रा
जिया-जिया सुलगे ज़रा
रूवाँ-रूवाँ दमके ज़रा

जाँ मेरी (जाँ मेरी), जान-ए-जानाँ (जान-ए-जानाँ)
संग-संग (संग-संग), संग-संग चलें कहीं (संग-संग चलें कहीं)
हाथों में हाथ (हाथों में हाथ), तुम मेरे साथ (तुम मेरे साथ)
रुकें ना हम कहीं (रुकें ना हम कहीं)



Credits
Writer(s): A R Rahman, Kotwal Mehboob Alam
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