Jaag Dil-E-Diwana

जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
बसी हुई ज़ुल्फ़ में आयी है सबा प्यार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
जाग दिल-ए-दीवाना

दो दिल के कुछ लेके पयाम आयी है
चाहत के कुछ लेके सलाम आयी है
दो दिल के कुछ लेके पयाम आयी है
चाहत के कुछ लेके सलाम आयी है
दर पे तेरे सुबह खड़ी हुई है दीदार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
जाग दिल-ए-दीवाना

एक परी कुछ शाद सी नाशाद सी
बैठी हुई शबनम में तेरी याद की
एक परी कुछ शाद सी नाशाद सी
बैठी हुई शबनम में तेरी याद की
भीग रही होगी कहीं कली सी गुलज़ार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
जाग दिल-ए-दीवाना

आ मेरे दिल अब ख़्वाबों से मुंह मोड़ ले
बीती हुयी सब रातें यही छोड़ दे
आ मेरे दिल अब ख़्वाबों से मुंह मोड़ ले
बीती हुयी सब रातें यही छोड़ दे
तेरे तो दिन रात हैं
अब आँखों में दिलदार की
जाग दिल-ए-दीवाना रुत जागी वस्ल-ए-यार की
बसी हुई ज़ुल्फ़ में आयी है सबा प्यार की
जाग दिल-ए-दीवाना



Credits
Writer(s): Chitragupta, Majrooh Sultanpuri
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