Dil mein aab dard

दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं।
ज़िन्दगी मेरी इबादत के सिवा कुछ भी नहीं।।

ऐ खुदा मुझ से न ले मेरे गुनाहों का हिसाब।
मेरे पास अश्क़-ए-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं।।
दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत...

मैं तेरी बारगाह-ए-नाज़ में क्या पेश करूँ।
मेरी झोली में मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं।।
दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत...

वो तो मिट कर मुझे मिल ही गई राहत वरना।
ज़िन्दगी रंज-ओ-मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं।।

दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं।
ज़िन्दगी मेरी इबादत में सिवा कुछ भी नहीं।।
दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत...

।।.देओल, तिन्दी, लाहौल वाले.।।



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