Aye Dil-E-Nadan

ऐ दिल-ए-नादान, ऐ दिल-ए-नादान
आरज़ू क्या हैं, जुस्तजू क्या हैं

हम भटकते हैं, क्यों भटकते हैं, दश्त-ओ-सेहरा में
ऐसा लगता हैं, मौज प्यासी हैं अपने दरियाँ में
कैसी उलझन हैं, क्यों ये उलझन हैं
एक साया सा, रूबरू क्या हैं

क्या कयामत हैं, क्या मुसीबत हैं
कह नहीं सकते, किस का अरमां हैं
जिंदगी जैसे खोई खोई हैं, हैरां हैरां हैं
ये ज़मीं चूप हैं, आसमां चूप हैं
फिर ये धड़कन सी चार सू क्या हैं

ऐ दिल-ए-नादान, ऐसी राहों में कितने काँटे हैं
आरजूओं ने हर किसी दिल को दर्द बाँटे हैं
कितने घायल हैं, कितने बिस्मिल हैं
इस खुदाई में एक तू क्या



Credits
Writer(s): Mohammed Zahur Khayyam, Jan Nisar Akhtar
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