Janeman Tum Kamal Karte Ho

आज हम इश्क़ का इज़हार करे तो क्या हो
जान पहचान से इनकार करे तो क्या हो

भरी महफ़िल मे तुम्हें प्यार करे तो क्या हो
कोशिशें आप की बेतार करे तो क्या हो

कहते डरती हो दिल में मरती हो
जानेमन तुम कमाल करती हो
कहते डरती हो दिल में मरती हो
जानेमन तुम कमाल करती हो

आँखों आँखों में मुस्कुराती हो
बातों बातों में दिल लुभाती हो
नर्म सांँसों की गर्म लहरों से
दिल के तारों को गुदगुदाती हो
अरे, इन सब बातों का मतलब पुछे तो
रंग चेहरे का लाल करती हो
जानेमन तुम कमाल करती हो

चुप भी रहिए ये क्या क़यामत है
आप की भी अजीब आदत है
इतना हंगामा किसलिए आख़िर
प्यार है या कोई मुसीबत है
जब भी मिलते हो जाने तुम क्या-क्या
उल्टे सीधे सवाल करते हो
जानेमन तुम कमाल करते हो

मस्तियाँ सी फ़ज़ा पे छाई हैं
वादियाँ रंग में नहाई हैं
नर्म सब्ज़ पेड़ शोख़ फुलों ने
मखमली चादरें बिछाई हैं
आ छोड़ो शरमाना ऐसे मौसम में
तबीयत क्यों निहाल करती हो
हो! जानेमन तुम कमाल करती हो
जब भी मिलते हो जाने तुम क्या-क्या
उल्टे सीधे सवाल करते हो
जानेमन तुम कमाल करते हो
जानेमन तुम कमाल करती हो
जानेमन तुम कमाल करते हो
मैंने कहा, जानेमन तुम कमाल करती हो



Credits
Writer(s): N/a Khaiyyaam, Ludiavani Sahir
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