Ab Ke Baras

अब के बरस...
अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, अब के बरस
(अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, अब के बरस)

अब के बरस तेरी प्यासों में पानी भर देंगे
अब के बरस तेरी चूनर को धानी कर देंगे, अब के बरस

ये दुनिया तो फ़ानी है (हो), बहता सा पानी है (हो)
तेरे हवाले ये ज़िंदगानी...

ये ज़िंदगानी कर देंगे, अब के बरस
अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, अब के बरस
(धरती की रानी)

दुनिया की सारी दौलत से इज़्ज़त हमको प्यारी
मुट्ठी में क़िस्मत है अपनी, हमको मेहनत प्यारी

मिट्टी की क़ीमत का जग में कोई रतन नहीं है
ज़िल्लत के जीवन से बद-तर कोई कफ़न नहीं है
देश का हर दीवाना अपने प्राण चीर कर बोला
बलिदानों के ख़ून से अपना रंग लो बसंती चोला

अब के हमने जानी है (हो), सबने मन में ठानी है (हो)
हमलावरों की ख़त्म कहानी...

ख़त्म कहानी कर देंगे, अब के बरस
अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, अब के बरस

सुख सपनों के साथ हज़ारों दुख भी तूने झेले
हँसी-ख़ुशी से भीगे फागुन अब तक कभी ना खेले
चारों ओर हमारे बिख़रे बारूदी अफ़साने
जलती जाती शम्मा, जलते जाते हैं परवाने

फिर भी हम ज़िंदा हैं अपने बलिदानों के बल पर
हर शहीद फ़रमान दे गया सीमा पर जल-जल कर
यारों, टूट भले ही जाना, लेकिन कभी ना झुकना
क़दम-क़दम पर मौत मिलेगी, फिर भी तुम ना रुकना

बहुत सह लिया, अब ना सहेंगे, सीने भड़क उठे हैं
नस-नस में बिजली जागी है, बाज़ू फड़क उठे हैं
सिंहासन की ख़ैर करो, ज़ुल्मों के ठेकेदारों
देश के बेटे जाग उठे, तुम अपनी मौत निहारो

अँगारों का जशन मनेगा, हर शोला जागेगा
बलिदानों की इस धरती से हर दुश्मन भागेगा

हमने क़सम निभानी है, देनी हर क़ुर्बानी है
हमने क़सम निभानी है, देनी हर क़ुर्बानी है
अपने सरों की, अपने सरों की...

अंतिम निशानी धर देंगे, अब के बरस
अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, अब के बरस

(अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, अब के बरस)
(अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, अब के बरस) हो
(अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे, अब...) हो



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Kudalkar, Sharma Pyarelal
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