Aap Aaye To

आप आए तो ख़याल-ए-दिल-ए-नाशाद आया
आप आए तो ख़याल-ए-दिल-ए-नाशाद आया
कितने भूले हुए ज़ख़्मों का पता याद आया
आप आए तो ख़याल-ए-दिल-ए-नाशाद आया
आप आए...

आप के लब पे कभी अपना भी नाम आया था
शोख़ नज़रों से मोहब्बत का सलाम आया था
उम्र-भर साथ निभाने का पयाम आया था
उम्र-भर साथ निभाने का पयाम आया था

आप को देख के वो अहद-ए-वफ़ा याद आया
कितने भूले हुए ज़ख़्मों का पता याद आया
आप आए तो ख़याल-ए-दिल-ए-नाशाद आया
आप आए...

रूह में जल उठे बुझती हुई यादों के दिए
कैसे दीवाने थे हम आप को पाने के लिए
यूँ तो कुछ कम नहीं जो आप ने एहसान किए
यूँ तो कुछ कम नहीं जो आप ने एहसान किए

पर जो माँगे से ना पाया, वो सिला याद आया
कितने भूले हुए ज़ख़्मों का पता याद आया
आप आए तो ख़याल-ए-दिल-ए-नाशाद आया
आप आए...

आज वो बात नहीं, फिर भी कोई बात नहीं
मेरे हिस्से में ये हल्की सी मुलाक़ात तो है
ग़ैर का होके भी ये हुस्न मेरे साथ तो है
ग़ैर का होके भी ये हुस्न मेरे साथ तो है

हाय, किस वक़्त मुझे कब का गिला याद आया
कितने भूले हुए ज़ख़्मों का पता याद आया
आप आए तो ख़याल-ए-दिल-ए-नाशाद आया
आप आए...



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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